18 एक मैं हौं जो अपनी गभाई खुद देवौ हौं, और दूसरो अब्बा है जिसनै मैं भेजो और मेरे बारे मै गभाई देवै है।”
“अच्छो गरड़ीआ मैं हौं, अच्छो गरड़ीआ भेड़ौ के ताँई अपनी जान देवै है।
“अच्छो गरड़ीआ मैं हौं, मैं अपनी भेड़ौ कै जानौ हौं, और मेरी भेड़ मैंकै जानै हैं।
मैं और मेरो अब्बा एक हैं।”
मौहड़ो मैं हौं। अगर कोई मेरे दुआरा भीतर जावै है तौ बौ मुक्ति पागो, और भीतर बाहार आगो जागो और उसकै अच्छी घाँस की जघै मिलैगी।
ईसु नै बासै कैई, “फिर सै जिन्दो कन्नै बारो और जिन्दगी मैंई हौं, जो मेरे ऊपर बिसवास करै है, अगर बौ मर बी जाय फिर बी बौ जिन्दो रैहगो,
ईसु नै बासै कैई, “रस्ता, सच्चाई और जिन्दगी मैंई हौं। बिना मेरे दुआरा कोई अब्बा के धौंरे ना जा सकै है।
ईसु नै फिर आदमिऔ सै कैई, “दुनिया को उज्जेरो मैं हौं। जो मेरे पीछे हो लंगे, बे इन्धेरे मै ना चलंगे, पर जिन्दगी को उज्जेरो उनकै मिलैगो।”
फिर उनौनै ईसु सै पूँछी, “तू कौन है?” ईसु नै उनसै कैई, “मैं बौई हौं जो तुमसै सुरू सैई कैतो भओ आ रओ हौं।
मैं बौई बात कैबौ हौं, जो मैंकै मेरे अब्बा नै दिखाईं हैं, और तुम बौई करते रैहबौ हौ जो तुमनै अपने अब्बा सै सुनो है।”
मैं तुमसै सच-सच कैबौ हौं कै अगर जो कोई मेरी सिक्छा कै मानै है तौ बौ कबी बी मौत कै ना देखैगो।”
ईसु नै उनसै कैई, “मैं तुमसै सच-सच कैबौ हौं, इब्राहिम सै पैले, मैं हौं।”
परमेसर नै खुद चिन्नौ, चमत्कारौं और अचम्बे के कामौ के दुआरा अपनी इच्छा के अनुसार बाँटे भए पबित्तर आत्मा के आत्मिक दानौ के दुआरा गभाई दई।