पथरीली जमीन मै गिरे भए बीज बे लोग हैं, जो बचन सुनतेई बाकै खुसी सै मानै हैं, पर जड़ ना पकड़ै हैं, बे कुछई टैम तक बिसवास करैं हैं और मुसीबत के टैम मै बे बहक जावै हैं।
फिर बी अधकारिऔं मै सै भौतौं नै बाके ऊपर बिसवास करो, पर फरीसिऔं के कारन बे बाकै खुले रूप सै ना मानै हे, कहीं ऐंसो ना हो कै बे पिराथना घर सै लिकार दए जाँय।
बानै रात मै ईसु के धौंरे आकै कैई, “हे गुरू, हम जानै हैं कै तू परमेसर की ओर सै आओ भओ गुरू है, कैसेकै इन चमत्कारौं कै जो तू दिखाबै है, अगर परमेसर उसके संग ना होतो तौ जे चमत्कार कोई ना दिखा सकतो।”
इसताँई फरीसिऔं मै सै कुछ कैललगे, “जौ आदमी परमेसर की ओर सै ना है, कैसेकै बौ आराम कन्नै बारे दिन कै ना मानै है।” पर दूसरे कैललगे, “एक पापी आदमी ऐंसे चमत्कार के चिन्नौ कै कैसे दिखा सकै है?” और उनमै फूट पड़ गई।
तबई समौन नै खुद बाकी बातौं मै बिसवास करो और जल संस्कार लओ और जाके बाद बौ फिलिप्पुस के संग रैहल लगो और चिन्न और बड़े-बड़े चमत्कारौं के कामौ कै देक्कै बौ अचम्बे मै पड़ जावै हो।