“मैं तुम सबई के बारे मै ना कैबौ हौं। मैं उनकै जानौ हौं जो मैंनै चुन लए हैं, पर जौ इसताँई है, कै पबित्तर सास्तर को जौ बचन पूरो भओ कै ‘बौ जो मेरी रोटी खावै है, बौई मेरे बिरोद मै हो गओ।’
अगर तुम दुनिया के होते, तौ तुमकै दुनिया अपनौ के जैसे पियार करती, पर इसताँई कै तुम दुनिया के ना हौ और मैंनै तुमकै दुनिया मै सै चुनकै लिकार लओ है इसताँई दुनिया तुमसै नफरत करै है।
जब मैं उनके संग हो, तौ मैंनै तेरे बा नाम सै जो तैनै मैंकै दओ उनकै बचाकै रक्खो और रक्छा करी है, बामै सै कोई नास ना होओ, सिरप बाई को जिसको नास होनो पक्को हो। इसताँई कै पबित्तर सास्तर की बात पूरी हो।
तुम अपने अब्बा सैतान की औलाद हौ। और तुम अपने अब्बा की इच्छा मै चलनो चाँहौ हौ। बौ सुरू सैई हत्तियारो हो। और बौ सच्चाई मै कबी कायम ना रैहबै है। कैसेकै बामै सच्चाई हैई ना। जब बौ झूँट बोलै है तौ अपने सौभाब सै बोलै है, कैसेकै बौ झूँटो है और झूँट को अब्बा है।