“अब मैं इस दुनिया मै ना रैहंगो। पर बे तौ इस दुनिया मै हैं और मैं तेरे धौंरे आबौ हौं। हे पबित्तर अब्बा, अपनो बौ नाम जो तैनै मैंकै दओ है इनकी रक्छा कर कै जैसे हम एक हैं, बे बी एक हो सकैं।
बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”