6 बहाँ याकूब को कुआँ हो, ईसु इस सफर मै थक गओ हो इसताँई बौ कुआँ के धौंरे बैठ गओ। उस टैम लगभग दुफैर के बारैह बजे हे।
दिन के बारैह बजे सै तीन बजे तक सैरी दुनिया मै इन्धेरो छाँओ रैहओ।
बानै चालीस दिन और चालीस रात कुछ ना खाओ इसके बाद बाकै भूँक लगी।
उसई टैम झील मै अचानक इत्ती भयंकर आँधी उठी कै किसती लहरौं सै दबी जा रई ही और ईसु सो रओ हो।
और उसनै अपने पैलौठे लौंड़ा कै जलम दओ, और लत्ता मै लपेट कै खुलड़ी मै रख दओ कैसेकै सराय के भीतर उनके ताँई कोई जघै ना मिली ही।
ईसु नै बासै कैई, “लौमड़िऔं के भिट्टे और आसमान के पंछिऔ के बसेरा होवै हैं, पर आदमी के लौंड़ा के ताँई खोपड़ी छुपानै की बी जघै ना है।”
ईसु नै जबाब दओ, “का एक दिन मै बारैह घंटा ना होवै हैं? अगर कोई दिन मै चलै तौ बौ ठोकर ना खावै है, कैसेकै बौ जा दुनिया के उज्जेरे कै देखै है।
का तू हमरे अब्बा याकूब सै बी बढ़कै है, जिसनै हमकै जौ कुआँ दओ है? बानै खुद और बाके बालकौ नै और डंगरौ नै बी जाको पानी पिओ है।”
इसताँई बौ सूखार नाम के सामरिया के एक सैहर तक आओ, जौ सैहर उस जमीन के धौंरे हो जो याकूब नै अपने लौंड़ा यूसप कै देर खाई ही।
इतने मै बहाँ एक सामरी बईयर पानी भन्नै आई, ईसु नै बासै कैई, “मैंकै पीनै के ताँई पानी देईए।”
कैसेकै तुम हमरे परभु ईसु मसी की किरपा कै जानौ हौ और जौ बी जानौ हौ कै सेट होते भए बी बौ तुमरे ताँई गरीब बनो जिस्सै कै बाके गरीब होनै सै तुम सेट हो जाऔ।
इसताँई बाकै सिगरी बातौं मै अपने भईयौ और बहनौ के हाँई बननो जरूरी हो। जिस्सै बौ बिसवासजोग और दया कन्नै बारो बड़ो पुजारी बनकै परमेसर की सेवा करै। और बानै खुद कै बलि के रूप मै दे दओ जिस्सै कै लोगौ के पापौं सै उनकै माफी दिब्बा सकै।
कैसेकै हमरो बड़ो पुजारी ऐंसो ना हैं जो हमरी कमजोरिऔं मै तरस ना खाऐ, कैसेकै बाकै बी हर तरै सै हमरे हाँई परखो तब्बी बानै पाप ना करो।