40 जब सामरिऔ नै धौंरे आकै बासै बिनती करी कै बौ उनके संग रैहए, तौ बौ दो दिन उनके संग रैहओ।
बाकी मरियम नाम की एक बहन ही, जो परभु के चरनौ के धौंरे बैठकै उसको बचन सुन रई ही।
चेलौ नै जौ कैह कै बासै बिनती करी, “हमरे संग रैह, साँज हो रई है और अब दिन छप गओ है” और बौ उनके संग रैहनै भीतर गओ।
जिस आदमी सै दुसट आत्मा लिकरी हीं बौ ईसु सै बिनती करल लगो, कै मैंकै अपने संग रैहन दे, पर ईसु नै बाकै बिदा करकै कैई,
बा सैहर के भौत से सामरिऔ नै उस बईयर के कैनै सै ईसु मै बिसवास करो, कैसेकै बानै जौ गभाई देई ही, “उसनै सब कुछ जो मैंनै करो है, मैंकै बता दओ।”
और ईसु के बचन के कारन और बी भौत से आदमिऔ नै बिसवास करो।
फिर उन दो दिनौ के बाद ईसु बहाँ सै गलील देस मै गओ।
बानै अपने पूरे टब्बर के संग जल संस्कार लओ और तबई बानै हम सै बिनती करकै कैई, “अगर तुम मैंकै परभु की भक्तन मानौ हौ, तौ मेरे घर चलौ और बहाँ रुकिओ।” तब हमकै बानै अपने घर मै लेजानै के ताँई राजी कर लओ।
तबई बा सिगरे सैहर के लोगौ नै खुसी मनाई।
देख मैं मौहड़े मै खड़ो भओ खटखटा रओ हौं, अगर कोई मेरी अबाज सुनकै किबाड़ खोलैगो, तौ मैं बाके धौंरे भीतर आकै बाके संग खानो खांगो और बौ मेरे संग खानो खागो।