37 कैसेकै हिंया जौ कहाबत ठीक कैई गई है, ‘एक बोबै है, और दूसरो काटै है।’
कैसेकै मैं तेसै डरै हो, इसताँई कै तू कठोर आदमी है; जो तेरो ना है उसकै बी तू ले लेबै है, और जो तैनै बोओ बी ना है, उसकै बी काट लेबै है।’
“मैं तुमसै सच-सच कैबौ हौं, कै जो मेरे ऊपर बिसवास करै है, बे काम जो मैं करौ हौं, बौ बी करैगो और इनसै बी महान काम करैगो, कैसेकै मैं अब्बा के धौंरे जा रओ हौं।
काटनै बारे कै अब मजदूरी मिल रई है और बौ हमेसा की जिन्दगी के ताँई फसल इखट्टी कर रओ है, कै बोनै बारो और काटनै बारो दौनौ मिलकै खुसी मना सकैं।
मैंनै तुमकै बा फसल कै काटनै ताँई भेजो हो, जिसमै तुमरी मैहनत ना लगी ही, पर जिसमै दूसरौं नै मैहनत करी ही और उनकी मैहनत को फल तुमकै मिलो है।”