और बौ चिल्लाकै बोलो, हे अब्बा इब्राहिम, मेरे ऊपर दया कर और लाजर कै भेज दे, कै बौ अपनी उँगरिया पानी मै भिजैकै लाऐ और मेरी जीब कै ठंडी करै, कैसेकै मैं इस आग मै तड़प रओ हौं।
पर जो कोई उस जल मै सै पियैगो जो मैं बाकै देंगो, बौ फिर जिन्दगी भर कबी पियासो ना होगो, पर जो जल मैं बाकै देंगो, बौ बामै एक सोता बन जागो, जो हमेसा की जिन्दगी के ताँई उमड़तो रैहगो।”
बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”