12 का तू हमरे अब्बा याकूब सै बी बढ़कै है, जिसनै हमकै जौ कुआँ दओ है? बानै खुद और बाके बालकौ नै और डंगरौ नै बी जाको पानी पिओ है।”
नियाय के दिन दक्खन की रानी इस पीड़ी के लोगौं के संग जी उठैगी और उनकै दोसी ठैरागी, कैसेकै बौ सुलेमान को गियान सुन्नै के ताँई धरती के एक कौने सै आई, और देखौ, हिंया बौ है जो सुलेमान सै बी बड़ो है।
ईसु नै जबाब देते भए बासै कैई, “हर एक आदमी जो, जा कुआँ को पानी पियै है, बाकै फिर पियास लगैगी।
हमरे बापदादौं नै जाई पहाड़ मै आराधना करी, और तू कैबौ हौ कै ऐरूसलेम बौ जघै है जहाँ आराधना कन्नी चँईऐ।”
इसताँई बौ सूखार नाम के सामरिया के एक सैहर तक आओ, जौ सैहर उस जमीन के धौंरे हो जो याकूब नै अपने लौंड़ा यूसप कै देर खाई ही।
बहाँ याकूब को कुआँ हो, ईसु इस सफर मै थक गओ हो इसताँई बौ कुआँ के धौंरे बैठ गओ। उस टैम लगभग दुफैर के बारैह बजे हे।
हमकै पतो है कै तू हमरे अब्बा इब्राहिम सै बड़ो ना है जो मर गओ और नबी बी मर गए, तू खुद कै का समजै है?”
जैसे घर सै जादा घर बनानै बारे कै इज्जत मिलै है बैसेई मूसा सै जादा ईसु इज्जत के लायक है।