बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”
तुम लोगौ नै सच्चाई को बचन अपनी मुक्ति की अच्छी खबर कै सुन्नै के बाद मसी मै बिसवास करो, और तुमरे ऊपर परमेसर नै मौहर के रूप मै पबित्तर आत्मा दओ जिसको बादो परमेसर नै करो हो।
पर कुछ बी होए परमेसर की बुनियाद पक्की और मजबूत है और बामै जौ लिखो पड़ो है कै, “परभु अपने लोगौ कै जानै है।” और जो ऐंसो कैबै हैं कै, “मैं परभु को हौं, तौ बाकै बुरे काम सै बचकै रैहनो चँईऐ।”