बताऔ यहून्ना कै जल संस्कार कहाँ सै मिलो? परमेसर सै या आदमिऔ सै?” बे आपस मै बिचार करते भए कैललगे, “अगर हम कैंगे ‘परमेसर’ सै तौ जौ हम सै पूँछैगो ‘फिर तुमनै उसको बिसवास काए ना करो?’
तौ फिर उसके किरपा सै हमकै जो अगल अगल बरदान मिले हैं, और जिसकै परमेसर को सन्देसो दैनै को बरदान मिलो है, और जितनो बिसवास देओ गओ है उसके हिसाब सै परमेसर को सन्देसो दे।
पर मैं जो कुछ बी हौं, बौ परमेसर की किरपा सै हौं। बाकी किरपा जो मेरे ऊपर भई, बौ बेकार ना गई। पर मैंनै सबई सै जादा मैहनत करी, तौबी जौ मेरी ओर सै ना पर परमेसर की किरपा सै भओ, जो मेरे ऊपर ही।
कौन कैबै है कै तू दूसरौं सै जादा अच्छो है? और जो कुछ बी तेरे धौंरे है, बौ सिगरो परमेसर की ओर सै देर खाओ है। जो बी तेकै देर खाओ है तौ तू बाके ऊपर घमंड काए करै है, जैसे कै मानौ तुमकै दओई ना होए?
गलातिया के बिसवासिऔ की मंडलिऔ कै मैं पौलुस की ओर सै और मेरे संगी बिसवासी भईयौ और बहनौ की ओर सै जौ चिट्ठी लिख रओ हौं। मैं ना तौ किसी आदमी की ओर सै और ना लोगौ की ओर सै भेजो भओ हौं, पर ईसु मसी और पिता परमेसर के दुआरा भेजो भओ चेला हौं। और पिता परमेसर नै मसी ईसु कै मरे भएऔं मै सै जिन्दो करो।
पबित्तर लोगौ और मसी ईसु मै सच्चे बिसवासिऔ के नाम जो इफिसुस सैहर मै रैहबैं हैं, मैं पौलुस जो परमेसर की मरजी सै मसी ईसु को भेजो भओ चेला हौं, जौ चिट्ठी लिख रओ हौं।