8 पर दूसरे चेला किसती मै मच्छी सै भरो भओ जार खैंचते भए आए कैसेकै बे किनार सै जादा दूर ना हे, पर करीब सौ मीटर की दूरी मै हे।
उनके धौंरे थोड़ी सी छोटी मच्छी बी हीं, और उसनै धन्नबाद करकै उनकै बी लोगौ के अग्गे बाँटनै को आदेस दओ।
फिर ईसु के पियारे चेला नै पतरस सै कैई, “जौ तौ परभु है!” इसताँई जब समौन पतरस नै सुनो कै जौ परभु है तौ बानै अपनो ऊपर को पैहरनै बारो लत्ता कस लओ कैसेकै बानै लत्ता लिकार खाए हे और बौ झील मै कूद पड़ो।
जब बे किनार मै आए तौ उनौनै बहाँ धदकते अंगरा की आग पजरती भई देखी बामै मच्छी और रोटी बन्नै के ताँई रखी हीं।