6 तब बानै उनसै कैई, “किसती के दाँय हात की ओर जार डारौ तौ तुमकै कुछ मिलैगो।” इसताँई उनौनै जार फैंको मगर भौत जादा मच्छी होनै के कारन बे जार कै बापस खैंच ना सके।
बरखा भई, नद्दिऔं मै रौहौ आँई, आँधी चली और उस घर सै टकराईं, बौ घर ढै गओ और उसको सरबनास हो गओ।”
उसकी अईया नै सेवकौ सै कैई, “जो कुछ बौ तुमकै कैए, बौई करिओ।”
और जिन आदमिऔ नै बाकी बातौं मै बिसवास करो, उन्नै जल संस्कार लओ, और उसई दिन उनके समू मै कम सै कम तीन हजार लोग उनके संग जुड़े।
पर जिन लोगौ नै उनकी बात सुनी उनमै सै भौस्सेऔ नै बिसवास करो और उन लोगौ की गिनती पाँच हजार तक पौंच चुकी ही।