जब साँज भई, तौ बाके चेलौ नै बाके धौंरे आकै कैई, “जौ तौ सुनसान जघै है और दिन छप गओ है, लोगौ कै बिदा करो जाय कै बे बस्तिऔं मै जाकै अपने ताँई खानो मोल ले लैं।”
अपनी जिन्दगी कै पैसौ के लालच सै दूर रक्खौ और जो कुछ तुमरे धौंरे है बाई मै खुस रौह, कैसेकै परमेसर नै जौ कैई है कै, “मैं तुमकै कबी ना छोड़ंगो। मैं तुमकै कबी ना तियागंगो।”
हे अब्बाऔं, मैं तुमकै इसताँई लिख रओ हौं, कैसेकै तुम ईसु मसी कै जानौ हौ, जो सुरू सैई है। हे जमानौ, मैं तुमकै इसताँई लिख रओ हौं, कैसेकै तुमनै बा दुसट के ऊपर जीत पाई है।
हे बालकौ, जौ आखरी घड़ी है, और जैसो कै तुमनै सुनो है कै मसी बिरोदी आ रओ है। और अब बी भौस्से मसी बिरोदी आ चुके हैं, इस्सै हम जानै हैं कै आखरी घड़ी आ गई है।