11 समौन पतरस किसती मै गओ और एक सौ तिरेपन बड़ी मच्छिऔं सै भरो भओ जार कै किनार मै खैंच लाओ, और इत्ती जादा मच्छी होनै के बाद बी जार ना फटो।
ईसु नै उनसै कैई, “जो मच्छी तुमनै अबी पकड़ी हैं, उनमै सै कुछ लाऔ।”
ईसु नै उनसै कैई, “हिंया आऔ और खाऔ!” चेलौ मै सै किसी कै जौ पूँछनै की हिम्मत ना भई कै, “तू कौन है?” कैसेकै बे जान गए हे कै बौ परभु है।
और जिन आदमिऔ नै बाकी बातौं मै बिसवास करो, उन्नै जल संस्कार लओ, और उसई दिन उनके समू मै कम सै कम तीन हजार लोग उनके संग जुड़े।