“अब मैं इस दुनिया मै ना रैहंगो। पर बे तौ इस दुनिया मै हैं और मैं तेरे धौंरे आबौ हौं। हे पबित्तर अब्बा, अपनो बौ नाम जो तैनै मैंकै दओ है इनकी रक्छा कर कै जैसे हम एक हैं, बे बी एक हो सकैं।
हमरे बिसवास की सुरूआत कन्नै बारे और पक्को कन्नै बारे ईसु की ओर देखते रौह। ईसु नै लोगौ की बेजती कै अनदेखो करकै कुरूस को दुख झेलो जिस्सै कै बौ उनके ताँई रखी गई खुसी कै पाऐ। अब ईसु परमेसर के सिंगासन के खाने हात बैठो है।
मेरे धौंरे लिखनै के ताँई भौस्सी बात हैं, मगर मैं जौ कागज और सिआई सै ना लिखनो चाँहौ हौं। पर मैंकै उमीद है कै मैं तुमरे धौंरे आकै आमने-सामने बैठकै बात करंगो। जिस्सै हमकै पूरी खुसी मिलै।