ठीक उसई टैम मुरगा नै दूसरी दफै बाँक दे दई, पतरस कै बौ बात जो ईसु नै उस्सै कैई ही याद आई, कै मुरगा के दो दफै बाँक दैनै सै पैले तू तीन फेरी मेरो इनकार करैगो, बौ इस बात कै सोचकै फूट-फूटकै रोल लगो।
हम दुखी लोगौ के हाँई दिखाई देवै हैं, पर हम हमेसा खुस रैहबै हैं। हम गरीब लोगौ के हाँई दिखाई देवै हैं, पर दूसरौं कै सेट बना देवै हैं। लोग समजै हैं कै हमरे धौंरे कुछ ना है तौबी हमरे धौंरे सब कुछ है।
जितनी उसनै अपनी बड़ाई बतकाँई और सुख और खुसी मनाई है, उतनोई उसकै दरद और दुख देईओ, कैसेकै बौ अपने मन मै कैबै है, मैं रानी के जैसी सिंगासन मै बैठी हौं, मैं राँड़ ना हौं और कबी दुखी ना हौंगो।