पर उनमै भीतर तक जड़ ना है और बे थोड़ेई दिनौ के ताँई रैहबै हैं, और इसके बाद परमेसर के बचन के कारन उनके ऊपर मुसीबत आवै हैं और उनकै सताओ जावै है, तौ बे तुरन्त अपनो बिसवास खो बैठै हैं।
ईसु नै उनसै कैई, “मैं तुमसै सच-सच कैरओ हौं, लौंड़ा खुद सै कुछ ना कर सकै है, बौ सिरप बौई करै है जो अब्बा कै करतो देखै है, कैसेकै अब्बा जो कुछ करै है लौंड़ा बी बैसोई करै है।
मेरे भईयौ, ऐंसेई मसी के सरीर के दुआरा नियम के ताँई तुम बी मर चुके हौ। इसताँई अब तुम बी उस मसी के हो गए हौ। जो मरे भएऔं मै सै फिर सै जिन्दो करो गओ है। जिस्सै हम परमेसर के ताँई अच्छे फल लाऐ।
धन्नबाद को बौ कटोरा जिसके ताँई हम धन्नबाद देवै हैं, तौ का हम मसी के खून मै साजेदार ना हैं? और बौ रोटी जिसकै हम तोड़ै हैं, तौ का हम मसी के सरीर के साजेदार ना हैं?
जैसी अच्छी खबर तुमरे धौंरे आई बैसीई सिगरी दुनिया मै आई। बौ अच्छी खबर सैरी दुनिया मै फल रई है और बढ़ रई है बैसेई जिस दिन सै तुमनै अच्छी खबर सुनी और सच्चाई सै परमेसर की किरपा कै जान लओ बा दिन सै अच्छी खबर तुमरे भीतर फल रई है और बढ़ रई है।