मैं बी एक बिसवासिऔ की मंडली को मुखिया हौं और मसी के दुखौ को गभा हौं; बाकी आनै बारी महिमा मै साजेदार हौं और तुमरे मुखियौं कै हिम्मत देते भए जौ बिनती करौ हौं कै।
मैंनै जौ छोटी सी चिट्ठी सिलवानुस के हात सै लिखबाई है, जिसकै मैं बिसवासजोग भईया मानौ हौं। मैं तुमकै समजाबौ हौं और अपनी जौ गभाई देवौ हौं कै, परमेसर की सच्ची किरपा जौई है और जाई मै बने रौह।