32 अगर बाके दुआरा परमेसर की बड़ाई भई है तौ परमेसर अपने दुआरा बाकी महिमा करैगो और बौ महिमा जल्दी देगो।
और ईसु नै जबाब देते भए उनसै कैई, “टैम आ गओ है, कै आदमी के लौंड़ा की बड़ाई हो।
ईसु नै जे बात कैह कै अपनी आँख सुरग की ओर उठाते भए कैई, “हे अब्बा, टैम आ गओ है। अपने लौंड़ा की महिमा कर, जिस्सै लौंड़ा तेरी महिमा करै।
बौ सुरग मै जाकै परमेसर के दाँय हात की ओर बैठ गओ, और सुरगदूत, सैरे अधकारी और सकति बाके हक मै हैं।
फिर उस सुरगदूत नै मैंकै जिन्दगी के जल की नद्दी दिखाई, जो काँच के जैसे चमक रई ही, जो परमेसर और मैमना के सिंगासन सै बैह रई ही।
मैंई अल्फा और ओमेगा हौं। मैंई पैलो और आखरी, और मैंई सुरूआत और अन्त हौं।
फिर बहाँ किसी बी चीज के ऊपर सराप ना होगो, पर इस सैहर मै परमेसर और मैमना को सिंगासन होगो और उसके दास लोग उसकी सेवा करंगे।
“जो जीत जागो उसकै मैं अपने संग अपने सिंगासन मै बैठांगो, जैसे मैं बी जीत पाकै अपने अब्बा के संग बाके सिंगासन मै बैठ गओ।