उनके मन की कठोरता देक्कै ईसु कै दुख भओ फिर ईसु नै घुस्सा मै भरकै चारौ ओर देखो और उस आदमी सै कैई, “अपनो हात बढ़ा,” उसनै ऐंसोई करो और बाको हात ठीक हो गओ।
“मैं तुम सबई के बारे मै ना कैबौ हौं। मैं उनकै जानौ हौं जो मैंनै चुन लए हैं, पर जौ इसताँई है, कै पबित्तर सास्तर को जौ बचन पूरो भओ कै ‘बौ जो मेरी रोटी खावै है, बौई मेरे बिरोद मै हो गओ।’
बे मसी बिरोदी हमरे बीच मैई सै लिकरकै गए हैं, कैसेकै बे हमरे अपने ना हे, अगर बे हमरे अपने होते, तौ बे हमरेई संग रैहते। पर बे चले गए, जिस्सै जौ साप-साप पतो लगै है, कै उनमै सै कोई बी हमरो अपनो ना हो।