47 अगर कोई मेरी बात सुनकै बाकै ना मानै तौ मैं बाकै दोसी ना ठैराबौ हौं, कैसेकै मैं दुनिया कै दोसी ठैरानै ना, पर दुनिया कै मुक्ति दैनै आओ हौं।
“चौकस रैहऔ, इन छोटौ मै सै एक कै बी बेकार ना समजौ, मैं तुमसै कैरओ हौं, उनके दूत सुरग मै लगातार मेरे सुरग के अब्बा के दरसन करैं हैं।
जो खो गओ हो उसई कै बचानै के ताँई आदमी को लौंड़ा आओ है।
कैसेकै आदमी को लौंड़ा बी अपनी सेवा करानै ना पर सेवा कन्नै और भौतौं की मुक्ति के ताँई अपने पिरान दैनै आओ है।”
और याद रक्खौ कै ‘मैं’ आदमी को लौंड़ा, इनके जैसे खोए भएऔं कै ढूंड़नै और उनको छुटकारो कन्नै आऔं हौं।”
फिर बे दूसरे गाम चले गए।
जो मैंकै नकारै है और मेरे बचनौ कै ना मानै है, बाकै दोसी ठैरानै बारो तौ एक है, मैंनै जो बचन कैओ है, बौई आखरी दिन मै बाकै दोसी ठैरागो।
परमेसर नै अपनो लौंड़ा दुनिया मै इसताँई ना भेजो कै बौ दुनिया कै डन्ड की आगियाँ देए, पर इसताँई भेजो कै दुनिया उसके दुआरा मुक्ति पाय।
जौ ना सोचौ, कै मैं अब्बा के सामने तुम्मै दोस लगांगो, तुम्मै दोस लगानै बारो तौ मूसा है, जिसमै तुम भरोसो करौ हौ।
मैं तुमकै भौत सी बातौं मै दोसी ठैरा सकौ हौं। पर सच्चो बौई है जिसनै मैंकै भेजो है। जो मैं बासै सुनौ हौं बौई बात मैं दुनिया कै कैबौ हौं।”
हमरे परभु के सबर सै तुमकै मुक्ति पानै के ताँई मौको मिलै है, जैसो हमरे पियारे भईया पौलुस नै बी बा गियान सै तुमकै लिखो है, जो बाकै परमेसर सै मिलो हो।
हमनै जौ देखो है और हम इसकी गभाई बी देवै हैं, कै परम पिता नै अपने लौंड़ा कै दुनिया के मुक्तिदाता के रूप मै भेजो।