“अगर कोई मेरे धौंरे आनो चाँहै है, और अपने अईया-अब्बा, बईयर और बालकौ, और अपने भईया और बहनौ, और अपनी जान कै बी मैंसै जादा पियार करै है, तौ बौ मेरो चेला ना बन सकै है।
पर मेरे नजरौ मै मेरी जान की कोई कीमत ना है, कैसेकै मैं अपनी दौड़ पूरी कन्नै की सोचौ हौं और परमेसर के किरपा की अच्छी खबर कै सुनानै के काम कै पूरो कन्नो चाँहौ हौं जिसके ताँई मैंकै परभु नै चुनो है।
बईयरौं नै अपने मरे भए लोगौ कै फिर सै जिन्दो पाओ, भौस्से लोग सताए गए, और आजाद होनो ना चाँहो। कैसेकै बे मर कै फिर सै जिन्दे होनै के बाद एक अच्छी जिन्दगी की आस रक्खै हे।