हाय, खुराजिन और बैतसैदा सैहर के लोगौ, जो चमत्कार के काम तुमरे बीच मै करे गए हैं, अगर बे सूर और सैदा सैहरौं के लोगौ के बीच मै करे जाते तौ, बे ना जानै कब के बोरी पैहरकै और छार लगाकै अपने पापौं सै मन फिरा लेते।
नतनैल नै बासै कैई, “तू मैंकै कैसे जानै है? ईसु नै बाकै जबाब देते भए कैई, फिलिप्पुस नै तेकै बुलानै सै पैले, जब तू अंजीर के पेड़ के नीचे हो, तब मैंनै तू देखो।”
कैसेकै मेरे अब्बा की इच्छा जौ है, कै हर एक आदमी जो लौंड़ा कै देखै है, और बाके ऊपर बिसवास करै है, बौ हमेसा की जिन्दगी पागो, और मैं खुद आखरी दिन मै बाकै जिन्दो करंगो।”