जब ईसु बैतनिया गाम मै समौन कोढ़ी के घर रोटी खानै बैठो हो, तबई एक बईयर संगमरमर की सीसी मै भौत मैहंगो ईत्तर लेकै आई, उसनै बौ सीसी की सील तोड़ी और ईत्तर ईसु के खोपड़ी मै डार दओ।
तब ईसु नै नौहतो दैनै बारे सै बी कैई, “जब तू दिन कै या रात कै दाबत करै, तौ अपने दोस्तौ या भईया या टब्बर या सेट पड़ोसिऔं कै ना बुला, कहीं ऐंसो ना हो, कै बे बी तेकै नौहतो दैं, और तेरो बदलो हो जाय।
कैसेकै बड़ो कौन है; बौ जो रोटी खानै की मेज मै बैठो है या बौ जो सेवा करै है? का बौ ना है जो रोटी खानै बैठो है? पर मैं बी तुमरे बीच मै एक सेवा कन्नै बारे के जैसो हौं।