फसै को तौहार और बिना खट्टे चून की रोटी को तौहार, आनै सै दो दिन पैले की बात है, मुक्ख पुजारी और सास्तरी ईसु कै छल सै गिरप्तार कन्नै और मार डान्नै की तरकीब ढूंड़ रए हे।
अब फसै को तौहार धौंरेई हो। ईसु कै जौ पतो हो कै मेरी घड़ी आ गई है कै मैं दुनिया छोड़कै अब्बा के धौंरे जांऔ। जिन लोगौ कै बौ इस दुनिया मै पियार करतो आओ हो उनसै आखरी तक बैसेई पियार करो।
और बे ईसु कै कैफा के धौंरे सै पीलातुस के महल मै ले गए, जौ तड़केई को टैम हो, और बे खुद पीलातुस के महल ना गए, कै कहीं असुद्द ना हो जाँय, जिस्सै फसै के तौहार की रोटी खा सकैं।
इन लोगौ के संग जा और सुद्दिकरन के काम मै सामिल हो और उनको खरच देकै बे अपने बार उतर बाँऐ। इसताँई सिगरे लोगौ कै जौ पतो लग जाऐ कै जो तेरे बारे मै बोलै हे बे सिगरी बात झूँटी हैं। पर तू खुद बी नियम कै मानकै बाके हिसाब सै चलिए।
दूसरे दिन पौलुस उन लोगौ के संग सुद्दिकरन की एक रीति पूरी कन्नै के बाद बौ मन्दर मै गओ और कैई कै, “सुद्दिकरन के दिन कब पूरे हौंगे और हम्मै सै हर एक के ताँई चढ़ाबो कब चढ़ाओ जागो।”