39 ईसु नै कैई, “पत्थर कै हटाऔ।” बा मरे भए की बहन मारथा नै बासै कैई, “परभु अब तौ बामै सै बास आ रई होगी, कैसेकै बाकै मरे भए चार दिन हो गए हैं।”
बे आपस मै जौ कैरई हीं, “हमरे ताँई कबर के मौहड़े सै पत्थर कौन हटागो?”
तब जब ईसु बैतनिया मै आओ, तौ बाकै पतो चलो कै लाजर कै कबर मै रखे भए चार दिन हो चुके हैं।
दाऊद नै तौ अपनी जिन्दगी मै परमेसर के हिसाब सै काम करो और मर कै अपने बापदादौं की जघै मै दफना दओ गओ और बौ सड़ बी गओ।
कैसेकै तू ना तौ मेरी आत्मा कै अधलोक मै छोड़ैगो, और ना अपने पबित्तर भक्त की लाहस कै सड़न देगो।
नास होनै बारौ के ताँई मरनै की बास हैं, और बचन माननै बारौ के ताँई जिन्दगी की खसबोई हैं। पर इन बातौं के लायक कौन है?
बौ अपनी बा सकति सै सब चीजौ कै अपने बस मै कर सकै है, और उसई सै हमरे कमजोर सरीर कै बदल कै अपने महिमा बारे सरीर के हाँई बना देगो।