36 तौ जिसकै अब्बा नै पबित्तर ठैराकै दुनिया मै भेजो है। तुम बासै कैबौ हौ कै तू परमेसर की बुराई करै है, इसताँई कै मैंनै कैई, ‘मैं परमेसर को लौंड़ा हौं’।
कैसेकै बे बचन जो तैनै मैंकै दए, मैंनै उन तक पौंचा दए। उनौनै बचनौ कै अपनाओ और सच जान लओ है कै मैं तेसै लिकरो हौं, और उनौनै बिसवास करो कै तैनैई मैं भेजो हौं।
मैं खुद अपनी ओर सै कुछ ना कर सकौ हौं। जैसो परमेसर की ओर सै मैं सुनौ हौं, बैसोई नियाय करौं हौं और मेरो नियाय सच्चो है, कैसेकै मैं अपनी ना, पर अपने भेजनै बारे की इच्छा चाँहबौ हौं।
बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”
ईसु नै उनसै कैई, “अगर परमेसर तुमरो अब्बा होतो, तौ तुम मैंसै पियार करते, कैसेकै मैं परमेसर सै लिकरकै आओ हौं और अब मैं हिंया हौं। मैं अपनी मरजी सै ना आओ, पर बाई नै मैंकै भेजो है।
कैसेकै जो काम सरीर की कमजोरी के कारन नियम ना कर सको, उसकै परमेसर नै करो, यानी अपनेई लौंड़ा कै उसनै पापी आदमी जैसे आदमी के सरीर मै भेजो, इस तरीका सै परमेसर नै आदमी के सरीर मै पाप कै सजा दई।