18 कोई मेरी जान मैंसै ना छीन सकै है, पर मैं बाकै अपने आप देवौ हौं मैंकै बाकै दैनै को अधकार है, और फिर ले लैनै को बी अधकार है। जौ आगियाँ मैंकै अपने अब्बा सै मिली है।”
ईसु नै जबाब दओ, “अगर तेकै परमेसर की ओर सै ना देओ जातो तौ तेरो मेरे ऊपर कोई अधकार ना होतो, इसताँई जिस आदमी नै मैंकै तेरे हात मै दओ है, बाको पाप जादा है।”
मैं खुद अपनी ओर सै कुछ ना कर सकौ हौं। जैसो परमेसर की ओर सै मैं सुनौ हौं, बैसोई नियाय करौं हौं और मेरो नियाय सच्चो है, कैसेकै मैं अपनी ना, पर अपने भेजनै बारे की इच्छा चाँहबौ हौं।
पर हम बा ईसु कै देखै हैं जिसकै कुछ घड़ी के ताँई सुरगदूतौं सै नीचे कर दओ हो, जिस्सै कै बौ परमेसर की दया सै सबई जनी के ताँई मौत कै महसूस करै। बाके मरनै को दुख झेलनै की बजै सै बड़ाई और इज्जत को मुकट पैहरे भए देखै हैं।