13 बौ इसताँई भाज जावै है, कैसेकै बौ मजदूर है और बाकै भेड़ौ की फिकर ना है।
जो मजदूर है, बौ गरड़ीआ ना है, और नाई भेड़ौ को मालिक है, भिड़िया कै आते देख भेड़ौ कै छोड़कै भाज जावै है और भिड़िया झपटकै उनकै इतै-उतै भजा देवै है।
“अच्छो गरड़ीआ मैं हौं, मैं अपनी भेड़ौ कै जानौ हौं, और मेरी भेड़ मैंकै जानै हैं।
बानै जौ इसताँई ना कैई कै बाकै गरीबौ की फिकर ही, पर इसताँई कै बौ चोर हो, और बाके धौंरे रुपियौ की थैलिया रैहबै ही, और बामै सै चुरा लेबै हो।
तबई सिगरे लोग पिराथना घर के मुखिया सोस्थिनेस कै पकड़कै कचैरी के सामने पीटल लगे। पर राजपाल गललिओ नै जा बात की परवा ना करी।
मैं तौ चाँहौ हौं, कै तुमकै चिन्ता ना होए, एक कुँआरो आदमी परभु की बातौं की चिन्ता मै रैहबै है, कै परभु कै कैसे खुस रक्खै।
पर बिहालो आदमी दुनिया की बातौं की चिन्ता मै रैहबै है, कै अपनी बईयर कै किस तरै सै खुस रक्खै,
कैसेकै मेरे धौंरे ऐंसो कोई बी आदमी ना है जो तीमुथियुस के जैसे सच्चे दिल सै तुम लोगौ की भलाई के बारे मै सोचै।