48 नतनैल नै बासै कैई, “तू मैंकै कैसे जानै है? ईसु नै बाकै जबाब देते भए कैई, फिलिप्पुस नै तेकै बुलानै सै पैले, जब तू अंजीर के पेड़ के नीचे हो, तब मैंनै तू देखो।”
पर जब तुम पिराथना करौ तौ, अपने कमरा मै जाकै किबाड़ बन्द कर लो और एकान्त मै अपने अब्बा सै पिराथना करौ। तुमरो अब्बा जो एकान्त मै बी देखै है तुमकै ईनाम देगो।
इसताँई ठैराए भए बखत सै पैलेई, परभु के आनै तक कोई किसी को नियाय ना करै, कैसेकै बौई तौ इन्धेरे मै छिपी भई बातौं कै सामने लागो, और जो बात आदमी के मन मै है। बाकै बी बौ परकट कर देगो। तब सिगरे लोगौ की बड़ाई परमेसर की ओर सै होगी।