2 तुमरी धन-दौलत सड़ गई है, और तुमरे लत्तौ कै कीड़ा खा गए हैं।
अपनी सैरी धन-दौलत बेचकै धन गरीबौ मै बाँट दो, अपने धौंरे ऐंसे झोला रक्खौ जो पुराने ना पड़ैं और सुरग मै ऐंसो धन इखट्टो करौ जो घटै ना है और जिसके धौंरे चोर बी ना जा सकै है, और नाई उसकै कीड़ा-मकोड़ा खा सकै हैं।
सोचौ कै अगर कोई सेट आदमी सभा मै सौने की मुंदरिया और भारचे लत्ता पैहरकै आवै है और बहीं एक गरीब आदमी बी फटे पुराने मैले लत्ता पैहरकै आवै है।
जो धन-दौलत तुम लोगौं के ताँई सुरग मै है, बौ कबी नास ना होगी और ना खराब होगी और ना बामै दाग लगैगो और ना बाकी चमक कबी कम होगी।