हम बैसेई रैहऐ जैसे दिन के टैम मै रैहबैं हैं। और दाबतौं मै खाकै पीकै धुत्त ना होओ, बईयरौं के संग गलत काम ना करौ, भोग-विलास मै ना पड़ौ, लड़ाई, और ना किसी सै जरन रक्खौ।
कैसेकै मैंकै जा बात को डर है कै जब मैं तुमरे धौंरे आऔं तौ तुमकै बैसो ना पांऔ जैसो मैंनै सोचो है, और तुम बी मैंकै बैसो ना पाऔ जैसो तुम सोचै हे। मैंकै जा बात को डर है कै कबी तुमरे बीच मै आपस मै लड़ाई, जरन, घुस्सा, मतलबी इच्छा, चुगली, घमंड, और नियम सई ना मिलै।
चिड़नो, दारूबाज, रंगरलियाँ, और इनके हाँई और बी भौस्से काम हैं। इन बातौं के बारे मै तुमकै मैं पैलेई सै चौकस कर देवौ हौं जैसो मैंनै पैले बी कैई ही कै, जो लोग ऐंसी बात करै हैं बे परमेसर के राज के बारिस ना हौंगे।
तौ मैं समजौ हौं कै बाकै घमंड नै अन्धो बना दओ है और कुछ ना समजै है। पर बाकै बैहैस कन्नै की और छोटी छोटी बातौं मै लड़ाई कन्नै की बेमारी हो गई है, जिनसै जरन, और लड़ाई, और बेजती की बात, और बुरे-बुरे सक कन्नै।
कैसेकै हम बी पैले, मूरख और आगियाँ ना माननै बारे, और भरम मै पड़े भए और हर तरै की बुरी बासनाऔ और सुकबिलास के गुलाम हे, बैरभाव, जरन और नफरत कन्नै मै जिन्दगी बिता रए हे, हम सै लोग नफरत करै हे, और हम बी एक दूसरे सै बैर रक्खै हे।