मैं पौलुस जो मसी की दीनता और दया की बजै सै तुमसै बिनती करौ हौं। पर कुछ लोग कैबै हैं कै जब मैं तुमरे धौंरे होबौ हौं तौ नमर हौं पर जब दूर हौं तौ कठोर हौं।
पर सिगरे आदमी जो काम बे करै हैं बाकी जाँच खुद करैं, अगर सिगरे काम अच्छे हैं तौ बाकै अपने ऊपर घमंड कन्नै को मौको मिलैगो, तब तेकै दूसरौं की बराबरी कन्नै की जरूरत ना है।
सिरप इतनो करौ कै तुमरो चाल-चलन मसी की अच्छी खबर के लायक हो जाऐ कै चाँहे मैं आकै तुमकै देखौं या ना बी आऔं, पर मैं तुमरे बारे मै बस जौई सुनौं कै तुम सब एक आत्मा मै टिक जाऔ और एक मन हो कै, एक संग मिलकै अच्छी खबर के बिसवास के ताँई मैहनत करते रैहऔ।
तू अबी जमान है, इसताँई तेरे काम कन्नै कै कोई बेकार ना समजै। पर तेरी बोल चाल, सौभाब, पियार, बिसवास और तेरे सच्ची जिन्दगी के ताँई सिगरे बिसवासी लोगौ के बीच मै तू एक नमूना बन जाय।
अपनी जिन्दगी कै पैसौ के लालच सै दूर रक्खौ और जो कुछ तुमरे धौंरे है बाई मै खुस रौह, कैसेकै परमेसर नै जौ कैई है कै, “मैं तुमकै कबी ना छोड़ंगो। मैं तुमकै कबी ना तियागंगो।”
पर जो गियान परमेसर की ओर सै आवै है, बौ पैले तौ पबित्तर होवै है, फिर सान्ति बारो, नरम सौभाब बारो, खुली सोच बारो, दया और अच्छे करमौ सै भरो भओ, और भेदभाब ना कन्नै बारो और खरो आदमी।
जो लोग बिसवासी ना हैं उनके बीच मै तुमरो चाल-चलन अच्छो रैह, चाँहे बे तुमरे ऊपर गलत काम कन्नै को इलजाम बी लगाऐ पर तुमरे भले कामौ कै देक्कै नियाय के दिन बे परमेसर की महिमा करैं।
पर तुम एक चुनो भओ बंस, राज कन्नै बारे बड़े पुजारी को समाज, पबित्तर लोग, और परमेसर के अपने लोग हौ। इसताँई तुम परमेसर की अच्छाई के बारे मै बोलौ, जिसनै तुमकै इन्धेरे सै अपनी एक अनौखी जोती मै बुलाओ है।