कोई मेरी जान मैंसै ना छीन सकै है, पर मैं बाकै अपने आप देवौ हौं मैंकै बाकै दैनै को अधकार है, और फिर ले लैनै को बी अधकार है। जौ आगियाँ मैंकै अपने अब्बा सै मिली है।”
कैसेकै परमेसर नै सुरगदूतौं सै कबी ना कैई कै, “तू मेरो लौंड़ा है और आज सै तेरो अब्बा मैं हौं,” और जौ बी कै, “मैं तेरो अब्बा हौंगो और तू मेरो लौंड़ा होगो।”
पर मसी परमेसर को लौंड़ा होते भए बाके घराने के सामने बिसवासजोग हो। अगर हम हिम्मत रक्खै और जो आस मसी मै है बाकै ना छोड़ै तौ तबई हम परमेसर के घराने के हैं।