5 और फिर ऐंसे कैओ गओ है कै, “बे मेरी आराम कन्नै की जघै मै कबी ना पौंचंगे।”
तबई मैंनै घुस्सा मै आकै जौ कसम खाई कै, जो जघै मैंनै इनके आराम कन्नै के ताँई छाँटर खाई ही बाके भीतर जे ना पौंचंगे।”
और हम जिनौनै बिसवास करो आराम कन्नै की जघै मै पौंचे, पर परमेसर नै दूसरे लोगौ के बारे मै कैई ही, “मैंनै घुस्सा मै आकै कसम खाई कै, ‘बे मेरी आराम कन्नै की जघै मै कबी ना पौंचंगे।’” जबकि दुनिया के सुरूआत सैई बाके काम पूरे हो गए हे।