6 पर मसी परमेसर को लौंड़ा होते भए बाके घराने के सामने बिसवासजोग हो। अगर हम हिम्मत रक्खै और जो आस मसी मै है बाकै ना छोड़ै तौ तबई हम परमेसर के घराने के हैं।
इसताँई परमेसर की दया और बाकी सकताई मै धियान दे। जौ सकताई उसके ताँई है जो गिरे हैं, पर तुम बाकी दया मै बने रैहऔ, तौ तुमरे ऊपर दया होगी। ना तौ तुम बी पेड़ सै काट फैंके जाऔगे।
उमीद को सोत परमेसर है, और बौ तुम लोगौ कै पूरी खुसी और सान्ति सै भर दे जैसो कै तुमरो बिसवास उसमै है। ताकि पबित्तर आत्मा की सकति सै तुमरी उमीद बढ़ती जाऐ।
मूरतिऔं और परमेसर के मन्दर के बीच का साजो? कैसेकै हम तौ खुद जिन्दे परमेसर के मन्दर हैं। जैसो परमेसर नै कैई है कै, “मैं उनके भीतर रैहबौं हौं और चलौं फिरौं हौं, और मैं उनको परमेसर हौं, और बे मेरे लोग हैं।”
जौ जबई हो सकै है जब तुम बिसवास मै पक्के और मजबूत रौह और जो अच्छी खबर तुमनै सुनी है बाकी आस ना छोड़ौ, जिसको परचार सिगरी दुनिया मै करो गओ और जिसको मैं पौलुस सेवक बी हौं।
अगर मैंकै आनै मै देर होए तौ तुमकै जौ पतो होनो चँईऐ कै परमेसर के टब्बर के लोगौ को बरताब कैसो होनो चँईऐ। जौ टब्बर जिन्दे परमेसर के बिसवासिऔ की मंडली है, और सच्चाई की बुनियाद और खम्मा है।
इसताँई हमकै बी आराम कन्नै की जघै मै जानै के ताँई कोसिस करती रैहनी चँईऐ कै, कहीं ऐंसो ना होए कै जैसे हुकम ना माननै की बजै सै उनको नास भओ, बैसोई हमरो बी कहीं नास ना हो जाऐ।
तबई जे दो बात हैं, एक बाकी कसम और दूसरो बाको बादो है, जो कबी ना बदलै है, और परमेसर झूँट ना बोल सकै है। इसताँई अगर हम परमेसर के धौंरे भाजकै बाकी सरन मै आवै हैं; और जो आस हमकै बानै देर खाई है, बाकै मजबूताई सै पकड़नै के ताँई हिम्मत मिलै।
कैसेकै मूसा को नियम किसी कै बी पूरी तरै सै पक्को ना करै है। पर अब हमरे ताँई एक ऐंसी अच्छी आस रक्खी गई है, जिसके दुआरा हम परमेसर के धौंरे जा सकै हैं।
तुमनै मसी कै देखो ना है, फिर बी तुम उस्सै पियार करौ हौ। तुम बाकै अबी देख ना पा रए हौ, मगर फिर बी बाके ऊपर बिसवास करौ हौ और एक ऐंसी खुसी और महिमा सै भरे भए हौ जिसकी कोई हद ना है।
तुम बी खुद जिन्दे पत्थरौं के हाँई हौ और आत्मिक घर बनते जाबौ हौ, जिस्सै कै पुजारिऔं को पबित्तर समाज बनकै, ऐंसे आत्मिक बलिदान चढ़ाऔ, जो परभु ईसु मसी के दुआरा परमेसर कै परसन्द हौं।
कैसेकै नियाय कन्नै को बखत आई गओ है कै पैले परमेसर अपनेई लोगौ सै नियाय सुरू करैगो, और जब नियाय की सुरूआत हम सैई होगी तौ उन लोगौ को का होगो? जो परमेसर की अच्छी खबर कै ना मानै हैं।
“थूआतीरा के बिसवासिऔ की मंडली के सुरगदूत कै जौ लिख, “परमेसर को लौंड़ा जिसकी आँख धदकती भई आग के हाँई, और जिसके पाँऐ चमकते भए पीतर के हाँई हैं, बौ जौ कैबै है कै,
“जो जीत जांगे, और मेरे कामौ कै अन्त तक करते रैहंगे, जो अधकार मैंनै अपने अब्बा सै पाओ है बौ अधकार मैं उनकै दंगो। मैं उनकै जाति-जाति के लोगौ के ऊपर अधकार दंगो बे उनके ऊपर लोहो के डन्डा सै सासन करंगे और तोड़ डारंगे, जैसे मट्टी के बरतन टूटकै चकनाचूर हो जावै हैं। मैं बाकै सुबे को तारो दंगो।