उनके मन की कठोरता देक्कै ईसु कै दुख भओ फिर ईसु नै घुस्सा मै भरकै चारौ ओर देखो और उस आदमी सै कैई, “अपनो हात बढ़ा,” उसनै ऐंसोई करो और बाको हात ठीक हो गओ।
जब उनौनै परमेसर को सच्चो गियान पानो सई ना समजो, तौ परमेसर नै बी उनकै जो ना सोचनो चँईऐ, बौई सोचनै के ताँई और जो ना कन्नो चँईऐ बौई कन्नै के ताँई छोड़ दए।