15 और पाँऐऔं मै मेल-मिलाब की अच्छी खबर के जूता पैहरकै तईयार रौह,
बे पाँऐ मै चप्पल तौ पैहर सकै हैं, पर दो कुरता ना रक्खैं।
पर उसके अब्बा नै अपने नौकरौ सै कैई; जल्दी सै जल्दी अच्छे सै अच्छे लत्ता लाऔ और उसकै पैहराऔ, और उसके हात मै मुंदरिया, और पाँऐ मै जूता पैहराऔ।
और अच्छी खबर सुनानै बारो तब तक कैसे सुना सकै है जब तक कै उनकै भेजो ना जाऐ? जैसो पबित्तर सास्तर मै लिखो है, “अच्छी खबर सुनानै बारौं के पाँऐ कितने भारचे हैं?”