कैसेकै तुम लोग अबिसवासी आदमिऔ के हाँई बैबिचार, बुरी इच्छा, पियकड़ लोग, ऐंसी दाबतौं मै जानो जहाँ कुकरम और बैबिचार होवै हैं, और दारू पीनै की दाबत और बेकार की मूरती पूजा कन्नै मै बौ बखत बिता चुके हौ।
फिर मैंनै छोटे बड़े सब मरे भएऔं कै सिंगासन के सामने खड़े भए देखो। और किताबौ कै खोलो गओ, फिर एक और किताब खोली गई यानी जिन्दगी की किताब; और जैसो किताबौ मै लिखो हो, उनके कामौ केई अनुसार मरे भएऔं को नियाय करो गओ।