1 मालिकौं, तुम अपने नौकरौ के संग सई और अच्छो बरताब करिओ, कैसेकै जौ बात याद रक्खौ कै सुरग मै तुमरो बी एक मालिक है।
तब उसनै उनसै कैई, ‘तुम बी मेरे अंगूर के बगीचा मै जाऔ, मैं तुमकै ठीक ठाक डिहाड़ी दे दंगो’ और बे बहाँ काम कन्नै चले गए।
“पर जब बौ राजा बनकै लौहट आओ, तौ ऐंसो भओ कै उसनै अपने नौकरौ कै जिनकै सौने के रुपिया दए हे, अपने धौंरे बुलबाओ जिस्सै कै मालूम करै कै उनौनै ब्यापार कन्नै सै का, का कमाओ है।
कैसेकै जो दया ना करै है, बाको नियाय दया सै ना होगो। मगर दया नियाय के ऊपर जीतै है।
देखौ, जिन मजदूरौ नै तुमरे खेतौ की फसल काटी और तुमनै उनकी डिहाड़ी धोको देकै रख लई है, बे चिल्लाकै रो रए हैं और उनकी चीख पुकार सरब सकतिमान परभु के कानौ तक जा रई है।
बे मैमना के संग लड़ाई करंगे, पर मैमना अपने बुलाए भए और चुने भए और बिसवासिऔ के संग उनकै हरा देगो। कैसेकै बौ राजाऔं को राजा और परभुऔं को परभु है।”
उसके लम्बे कुरता और जाँग मै लिखो है। “राजाऔं को राजा और परभुऔं को परभु।”