“और जब तू पिराथना करै, तौ ढौंगिऔ के जैसे ना हो कैसेकै लोगौ कै दिखानै के ताँई सभाऔं मै और सड़कौं के मोड़ौ मै खड़े होकै पिराथना कन्नो उनकै अच्छो लगै है, मैं तुमसै सच कैरओ हौं, कै बे अपनो ईनाम पा चुके हैं।
बलकन अपने दुसमनौ कै बी पियार करौ, उनके संग भलाई करौ। कुछ बी बापस लैनै की उमीद छोड़कै उधार दो। फिर तुमरे ताँई बड़ो ईनाम होगो; और तुम परम परमेसर की औलाद बनौगे, कैसेकै परमेसर कै जो धन्नबाद ना करैं हैं, और बुरे लोग हैं, परमेसर उनके ऊपर बी दया करै है।
का मैं आदमी की ओर सै अपनी बड़ाई चाँहौ हौं या परमेसर की? का मैं आदमिऔ कै खुस कन्नै के ताँई लगो रैहबौं हौं? अगर मैं अब तक लोगौ कै खुस करतो रैहतो तौ मैं मसी को सेवक ना होतो।
कोई बी आदमी अपनी झूँटी दीनता सै या सुरगदूतौं की पूजा करबाकै तुमरे ईनाम कै ना लूट सकै है, ऐंसो आदमी देखी भई बातौं के पिच्छे लगो रैहबै है और अपने पाप बारी सोच के ऊपर बिना बजै के घमंड करै है।
बगैर बिसवास के परमेसर कै खुस कन्नो नामुमकिन है। कैसेकै जो परमेसर के धौंरे आवै है बाके ताँई जौ बिसवास कन्नो जरूरी है, कै परमेसर है और जो बाकै ढूंड़ै है उनकै बौ ईनाम देवै है।
इसताँई मसी नए करारनामे को बिचौंदिया बनो। जिस्सै कै जिन लोगौ कै बुलाओ गओ है बे लोग परमेसर के बादे करे भए हमेसा की बिरासत के हकदार बनै कैसेकै जिन्नै पैले करारनामे के हक मै रैहते भए पाप करो है उनकै बासै छुटकारे के ताँई मसी नै अपनी जान दे दई।
मैं समौन पतरस जो ईसु मसी को सेवक और भेजो भओ चेला हौं, जौ चिट्ठी मैं उन लोगौ के नाम लिख रओ हौं जो हमरे हाँई हमरे परमेसर और मुक्ति दैनै बारे ईसु मसी की धारमिकता के दुआरा सै बिसवास पावै हैं।