23 जे नियम देखनै मै गियान बारे लगै हैं पर इनमै भक्ति कन्नै को दिखाबो, झूँटी दीनता और सरीर कै कसट दैनै को रिबाज है। जे सबई बात सरीर की बुरी इच्छाऔं कै ना रोक सकै हैं।
कोई बी आदमी अपनी झूँटी दीनता सै या सुरगदूतौं की पूजा करबाकै तुमरे ईनाम कै ना लूट सकै है, ऐंसो आदमी देखी भई बातौं के पिच्छे लगो रैहबै है और अपने पाप बारी सोच के ऊपर बिना बजै के घमंड करै है।
चौकस रौह, कहीं ऐंसो ना होए कै तुमकै आदमी को गियान, झूँटी और बेकार की बातौं सै कोई अपने कबजा मै ना कर लै, जो आदमिऔ और दुनिया के बनाए भए रीती रिबाज के ऊपर टिके हैं, पर मसी की सिक्छा ऐंसी ना है।
ऐंसे लोग बिहा कन्नै के ताँई मनैह करै हैं और खानै पीनै बारी चीजौ कै बी मनैह करै हैं। जिनकै परमेसर नै बनार खाओ है। पर जिन बिसवासी लोगौ कै सच्चाई को पतो है, तौ बे बा खानै कै धन्नबाद देकै खाँय।
कैसेकै कसरत सरीर के ताँई अच्छी है। पर भक्ति की जिन्दगी बासै बी जादा अच्छी है, कैसेकै इसई के ताँई हमकै जा जिन्दगी को और आनै बारी जिन्दगी को बादो मिलै है।