बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”
ऐंसो कोई बोलै कै, “रोटी पेट के ताँई, और पेट रोटी के ताँई है।” पर परमेसर दौनौ कै मिटा देगो। पर जौ सरीर कुकरम कन्नै के ताँई ना है, बलकन परभु के सेवा ताँई है, और परभु हमरे सरीर की देखरेख कन्नै के ताँई है।
पर ऐंसे लोग नासमज जंगली जनाबरौ के हाँई हैं, जो पकड़े जानै और मारनै के ताँई पैदा भए हैं। बे उन बातौं के बारे मै बुरो बोलै हैं जिनकै बे ना तौ जानै हैं, बे जनाबरौ के हाँई नास हो जांगे।