कैसेकै हम बी पैले, मूरख और आगियाँ ना माननै बारे, और भरम मै पड़े भए और हर तरै की बुरी बासनाऔ और सुकबिलास के गुलाम हे, बैरभाव, जरन और नफरत कन्नै मै जिन्दगी बिता रए हे, हम सै लोग नफरत करै हे, और हम बी एक दूसरे सै बैर रक्खै हे।
धियान सै रैहईओ ऐंसो ना होए कै कोई बी परमेसर की किरपा सै छुट जाय, और कोई करई जड़ फटकै तुमरे ताँई मुसीबत लाय और जिसकी बजै सै भौस्से लोग अपबित्तर हो जावै हैं।
कैसेकै परमेसर नै उन सुरगदूतौं कै बी ना छोड़ो जिनौनै पाप करो हो, बलकन उनकै साँकर सै बांधकै नरक के इन्धेरे कुन्ड मै फैंक दओ ताकि नियाय के दिन तक कैद मै रैंह।