और तब सुरग मै परमेसर को मन्दर खुल गओ और उस मन्दर मै बाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और फिर बिजली को चमकनो, बादर को गरजनो, गड़गड़ाहट की अबाज, हालोचालो भओ और बड़े-बड़े ओरे पड़े।
फिर मैंनै सुरग कै खुलतो भओ देखो और बहाँ मेरे सामने एक सपेद घोड़ा हो। और जो घोड़ा मै बैठौ है बौ बिसवासजोग, और सच कैलाबै है। बौ सच्चाई के संग नियाय और लड़ाई करै है।
इन बातौं के बाद मैंनै नजर उठांई तौ का देखौ हौं कै सुरग मै एक मौहड़ो खुलो भओ है, और तुरही की अबाज के जैसी जो पैली अबाज मैंनै सुनी, बानै कैई, “हिंया ऊपर आ, और मैं बे बात तेकै दिखांगो, जिनको इन बातौं के बाद पूरो होनो जरूरी है।”