41 उनई दिनौ मै उन्नै एक बछड़ा की मूरती बनाई और बाके अग्गे बलि चढ़ाई और अपने हातौ सै बनाई भई मूरती की खुसी मनाई।
और बाकी बचे आदमिऔ नै, जो उन महाबिनासौ सै मारे ना गए हे, उनौनै अपने बुरे कामौ सै मन ना फिराओ, पर दुसट आत्मा की और सौने, चाँदी, पीतर, पत्थर और लकड़ी की उन मूरतिऔं की पूजा कन्नी ना छोड़ी, जो ना देख सकै हैं, ना सुन सकै हैं और नाई चल सकै हैं।