1 हननियाह नाम के एक आदमी नै अपनी बईयर सफीरा के संग मिलकै एक खेत बेचो,
जो कुछ अब्बा मैंकै देवै है, बौ सब मेरे धौंरे आगो, और जो कोई बी मेरे धौंरे आगो बाकै कबी ना लिकारंगो।
बाकी थोड़ी सी जमीन ही और बाकै बेचकै जो रकम मिली ही बानै बौ भेजे भए चेलौ के पाँऐऔं मै रख दई।
और जो पैसा मिलो हो बामै आपस मै सला करकै कुछ रख लओ और बाकी को हननियाह नै भेजे भए चेलौ के पाँऐऔं मै रक्खो।
सेट के घर मै बस सौने और चाँदी केई बरतन ना पर लकड़ी और मट्टी के बी होवै हैं। पर किसी कै इज्जत के ताँई और किसी कै बेजती के काम के ताँई काम मै लेबै हैं।