तौ बहीं एक बईयर ही जिसमै अठारै साल सै एक कमजोर कन्नै बारी गंदी आत्मा चिपटी पड़ी ही, जिस्सै बौ कुबड़ी हो गई ही, और किसी तरै सै सीदी खड़ी ना हो सकै ही।
और बाई बखत मै लोग एक जलम के लंगड़ा कै ला रए हे। बे बाकै हर रोज मन्दर के बा मौहड़े मै बिठा देवै हे जिसको नाम “सुन्दर” हो, जिस्सै कै बौ मन्दर मै आनै जानै बारौ सै भीक माँग सकै।
फिर उनौनै उनकै धमकाकै छोड़ दओ, और उनकै सजा दैनै के ताँई उनमै कोई बहानो ना मिलो। कैसेकै जो चमत्कार को काम भओ हो बाकै देक्कै लोग परमेसर की बड़ाई कर रए हे।