उनौनै ईसु के धौंरे हेरोदिऔं के संग अपने चेला जौ सबाल पूँछनै भेजे, “गुरू! हम जानै हैं कै तू सच बोलै है और सच्चाई सै परमेसर के रस्ता की सिक्छा देवै है, और तू लोगौ की मौह देखी बात ना करै है।
जब यहून्ना नै देखो कै भौत से फरीसी और सदूकी उसके धौंरे जल संस्कार लैनै आ रए हैं तौ बौ उनसै बोलो “ओ, साँप की औलादौं! तुमकै किसनै जता दओ, कै परभु के आनै बारे घुस्सा सै भाजौ?
तब मन्दर के सिपाईऔं को बड़ो अपसर अपने सिपाईऔं के संग बहाँ गओ और भेजे भए चेलौ कै जबरदस्ती ना पर पियार सै लाओ कैसेकै बे लोगौ से डरै हे कै कहीं बे पत्थर ना मार दैं।